बात सीधी को सीधी नहीं रहने देते
लोग हर बात का मतलब निकाल लेते हैं;
बहुत मासूम सी बातें हैं और ये दिल भी
जाने क्या करते हैं, उलझन में डाल देते हैं ||
लफ्ज़ को लफ्ज़, खयाल को शह देना था
वाह भी करते हैं तो उसमें सवाल देते हैं;
सामने रख के प्याले की कसम देते हैं
ये मेरे दोस्त मुझे मुश्किल में डाल देते हैं ||
राह चलते रहे ऐसा ना कभी सोचा था
ठोकरे क्यूँ मेरी राहों में डाल देते हैं
साल में एक दफा ये खुल के बरसने वाले
बारहा क्यों मेरे जी को मलाल देते हैं ||
होगी ये रस्म कोई तो चलो ऐसा ही सही
जाने वालों पे कुछ सिक्के उछाल देते हैं
वो गया है जो, थोड़ा यहीं रह जाता है
ऐसा करते हैं कल जड़ से निकाल देते हैं ||
लोग हर बात का मतलब निकाल लेते हैं !!
लोग हर बात का मतलब निकाल लेते हैं;
बहुत मासूम सी बातें हैं और ये दिल भी
जाने क्या करते हैं, उलझन में डाल देते हैं ||
लफ्ज़ को लफ्ज़, खयाल को शह देना था
वाह भी करते हैं तो उसमें सवाल देते हैं;
सामने रख के प्याले की कसम देते हैं
ये मेरे दोस्त मुझे मुश्किल में डाल देते हैं ||
राह चलते रहे ऐसा ना कभी सोचा था
ठोकरे क्यूँ मेरी राहों में डाल देते हैं
साल में एक दफा ये खुल के बरसने वाले
बारहा क्यों मेरे जी को मलाल देते हैं ||
होगी ये रस्म कोई तो चलो ऐसा ही सही
जाने वालों पे कुछ सिक्के उछाल देते हैं
वो गया है जो, थोड़ा यहीं रह जाता है
ऐसा करते हैं कल जड़ से निकाल देते हैं ||
लोग हर बात का मतलब निकाल लेते हैं !!