Monday 9 April 2012

जितना है प्यार जता जाना

लालच ना दिया होगा खुलकर, जी भर ना मन बहलाया होगा
ना ललक जगाई होगी जगने की, ना पूनम का चाँद दिखाया होगा

ना बात रात की कुछ की होगी, ना तारों में कुछ दिखलाया होगा
ना सोंधी खुशबू ओस में ढूंढी, ना बादल में चित्र बनाया होगा

ना मैं तुम हम की बातें की, ना वो दिन याद दिलाया होगा
ना हाथ की रेखा बाँची होंगी, ना सुनेपन से डरवाया होगा

ना गिरती नब्ज़ दिखाई होगी, ना अपना डर बतलाया होगा
ना आँखें खाली दिखलाई होंगी, ना रूखा गला जताया होगा

कुछ नहीं कहा तो जाने दो, बस इतना ही कर जाना था
हाथ थाम के दिल पे रख कर, है प्यार बहुत बतलाना था

अरे क्या होता और क्या ना होता, सर थोड़े कट जाना था
एक बार और फिर कोशिश करते, है प्यार बहुत बतलाना था

कहाँ रुके हैं जाने वाले, बस थोडा और मनाना था
हाथों में चेहरा ले लेते , है प्यार बहुत बतलाना था

वादा तो इतना ले लेते, फिर लौट के वापस आ जाना
थोडा ही सही बिलकुल ही नहीं, जितना है प्यार जता जाना

इकरार नहीं एक बार सही, जितना है प्यार जता जाना
अब होगी कोई तकरार नहीं, जितना है प्यार जता जाना

अब कोई कसम दो बार नहीं, जितना है प्यार जता जाना
है प्यार नहीं है, प्यार नहीं, बस आ जाना बस आ जाना
एक पल के लिए कुछ भी करके, जितना है प्यार जता जाना

1 comment:

  1. बार बार कहा था, हज़ार बार कहा था
    एक पल के लिए कुछ भी करके, जितना है प्यार जता जाना...

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