Friday 18 May 2012

क्षणिकायें

धुएं को देखोगे तो धुंधला ही दिखेगा,
चाँद अगर दिखेगा तो उजला ही दिखेगा |
इश्क को जमीं मिलने तक रुक लो,
तेज आंधियों में आँखें मूँद लो झुक लो |
जब तक हो नहीं जाता, इश्क सच मुच में,
होता रहेगा बार बार और पहला ही लगेगा |

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वो मुझ जैसा है, मेरे काम का है
मापना कैसा ?
वो एक अच्छा इंसान है
उसे मेरा दोस्त होना चाहिए |

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Thursday 17 May 2012

लो ये मैंने, हाथ दोनों, सामने तेरे पसारे

लो ये मैंने, हाथ दोनों, सामने तेरे पसारे
मैंने माना मेरी हद से, दूर हैं तेरे सितारे
दम मेरा, औकात मेरी, तेरी चुटकी के इशारे
लो ये मैंने, हाथ दोनों, सामने तेरे पसारे ||

तेरे चलाने का तरीका, मुझको समझ आया नहीं
है बात ये दीगर कभी खुद से भी चल पाया नहीं
मसअला कुछ तालियाँ ही रह गयीं जलसे के बाद
कौन ये समझा भला, हैं रक्स ये तेरे ही सारे ||

मेरी ख्वाहिश पे तेरी साजिश, जिंदगी हरदम लगी
मेरे हिस्से जितनी भी थी, मुझको हमेशा कम लगी
लेखनी तेरी मेरे संग बीच ही बहती रही
मेरा मुक़द्दर इस पार और मर्जी मेरी थी उस किनारे ||

दम मेरा, औकात मेरी, तेरी चुटकी के इशारे
लो ये मैंने, हाथ दोनों, सामने तेरे पसारे ||