Wednesday 10 October 2012
ज़िन्दगी तू कितनी बड़ी हो गयी !!
कहाँ से चली थी और आ के कहाँ पे... खड़ी हो गयी
इत्ती सी थी जब मिली थी मुझे, ज़िन्दगी तू कितनी बड़ी हो गयी !!
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