आईऽऽ तुम्हारी याद, फिर आकरs गई नहींऽऽ
हो रही थी इक ग़जल, पर हमने कही नहीं
आई तुम्हारी याद, फिर आकर गई नहीं
तुमको भुला सकेंगे, वो गुमान तो गया
तुमको भुला सकेंगे, वो गुमान तो गयाऽऽ
थोड़ी जो नींद थी, अब वो भी रही नहीं
आई तुम्हारी याद, फिर आकर गई नहीं
तुम आए थे शहर में, मुझे औरों ने बताया
तुम आए थे शहर में, मुझे औरों ने बताया
सैलाब तो हुआ, आंखे न बहने दीं
आई तुम्हारी याद, फिर आकर गई नहीं
हमख्याल न रहा, हमरस्ता ना हो
हमख्याल न रहा, हमरस्ता ना हो
भले ही जुदा रहे, हो तमाशा कभी नहीं
आई तुम्हारी याद, फिर आ कर गई नहीं
इस बार रह गई जो, निभाएंगे फिर कभी
इस बार रह गई जो, निभाएंगे फिर कभी
जन्मेंगे और बसेंगे, दुबारा यहीं कहीं
आई तुम्हारी याद, फिर आकर गई नहीं