किसी दिन पूछ लूंगा
फुरसत है?
बहुत सी बातें करनी हैं
बहुत तकलीफ है जिसका
ना हासिल है न हल कोई
कह लूंगा कोई सुन ले
तो कुछ दिल हल्का हो जाए
तुम्हारे साथ रिश्ता है
पानी में नमक जैसा
किसी दिन पूछ लूंगा
फुरसत है?
बहुत सी बातें करनी हैं।।
बहुत से प्रश्न हैं,
पर्दे में हैं
दोनो तरफ शायद ?
झिझक दोनो रहे हैं,
पूछने में
किस तरह पूछें
जो बैठेंगे, बातियायेंगे
सहज हो जायेंगे दोनो
उसी दिन पूछ लूंगा
फुरसत है?
बहुत सी बातें करनी हैं
No comments:
Post a Comment