Thursday 12 April 2012

दधीच

इस बार दत्यों ने पृथ्वी पर
आक्रमण किया है
कोई दधीचि ना बचे
जिसकी हड्डियाँ वज्र बन सकें |

पर ये क्या
पृथ्वी तो दधीचियों से भरी पड़ी है
दधीचियों से दिखते मनुष्य
चलते फिरते कंकाल से मनुष्य

दैत्य पहले तो डरे फिर शीघ्र ही समझ गए
ये तप का प्रभाव नहीं है
भूख का असर है
कि भोजन ढूंढती हड्डियाँ
शरीर से बहार आ गयीं
सिर्फ दधीचि से दिखते मनुष्य
जीविका के लिए जूझते मनुष्य |

आक्रमण हुआ
त्राहि त्राहि मच गयी
पर कोई इंद्र नहीं आया
और एक एक करके
दधीचियों को निगलता जा रहा है
बेरोजगारी का दैत्य ...
(01.10.99)

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